रविवार, नवंबर 02, 2008

साज-सज्जा का प्रयोजन और बहुतायत

नारी की साज-सज्जा, वेश-भूषा, चलन-चरित्र ऐसा होना चाहिए-- जो पुरुष के दिल में एक उन्नत, पवित्र, सद् भाव पैदा करे; और यह सुप्रजनन एवं मनुष्य को श्रद्धोदीप्त करने का एक उत्तम उपकरण है; -- इसकी बहुलता बाहुल्य को ही आमंत्रित करेगी-- सावधान होओ। 26
--: श्री श्री ठाकुर, नारी नीति

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