शुक्रवार, सितंबर 26, 2008

नारीत्व का अपलाप

स्मरण रखो-- तुम्हारा संसर्ग यदि सभी विषयों में यथायथभाव से उन्नति या वृद्धि की दिशा में परिचालित नहीं करे-- तो तुम्हारा नारीत्व क्या मसीलिप्त नहीं हुआ ? 8
--: श्री श्री ठाकुर, नारीनीति

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