NAAREE NEETI
बुधवार, सितंबर 24, 2008
सेवा और सेवा का अपलाप
"सेवा" का अर्थ वही है जो मनुष्य को सुस्थ, स्वस्थ, उन्नत और आनंदित कर दे ; जहाँ ऐसा न हो परन्तु शुश्रूषा है -- वह सेवा अपलाप को आवाहन करती है । 2
--:श्री श्री ठाकुर
,
नारी नीति
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें