सोमवार, अक्तूबर 13, 2008

सेवा में शैतान का इशारा

जो सेवा तुम्हारे आदर्श को अतिक्रम करती है किंतु प्रतिष्ठा नहीं करती, -- वह शैतान का इशारा है ! प्रलुब्ध होकर-- तमसा को आलिंगन नहीं करो। 21
--: श्री श्री ठाकुर, नारी नीति

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