शुक्रवार, अक्तूबर 03, 2008

स्वमत-प्रकाश

जो नारी नत होकर, सम्मान सहित अपना मत प्रकाश करती है-- एवं उस विषय में किसी को भी हीन नहीं बनाती, वह-- सहज ही आदरणीया एवं पूजनीया होती है। 15
--: श्री श्री ठाकुर, नारीनीति

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