रविवार, दिसंबर 07, 2008

छद्मवेश में काम

जब प्रणय ईर्ष्या को बुलाता है-- समझना होगा-- प्रकृत काम प्रेम का मुखौटा पहनकर खड़ा है। 37
--: श्री श्री ठाकुर, नारी नीति

कोई टिप्पणी नहीं: