शनिवार, दिसंबर 06, 2008

संदेहयोग्य प्रेम

यदि प्रेम प्रेमास्पद की प्रतिष्ठा और याजना नहीं करता है, तो उस प्रेम पर संदेह कर सकती हो-- नजर रखो। 33
--: श्री श्री ठाकुर, नारी नीति

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