'लक्ष्मी' का अर्थ है श्री--
और
यह 'श्री' शब्द आया है
'सेवा' करने से ; --
तुम
यथोपयुक्त भाव से
अपने संसार और
संसार के पारिपार्श्विक का,
जहाँ जितना सम्भव हो,
वाक्य, व्यवहार, सहानुभूति, सहायता द्बारा
दूसरे का अविरोध भाव से
मंगल करने की चेष्टा करो,
तुम्हारी लक्ष्मी-आख्या
ख्यातिमंडित होगी--
देखोगी। 35
--: श्री श्री ठाकुर, नारी नीति
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