सार्थक वधूत्व
किसी उपयुक्त --
जो हर तरह तुमसे श्रेष्ठ हैं
पुरुष को
इस प्रकार वहन कर सकोगी
विवेचना करती हो--
जिससे वे
जीवन, यश और वृद्धि से
किसी प्रकार अवनत न हों,--
तो
उनकी वधु बनो--
सती हो सकोगी--
गरिमामयी होगी. |78|
--: श्री श्री ठाकुर अनुकूल चन्द्र, नारी नीति
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