गुरुवार, नवंबर 10, 2011

Vivaah Mein Vahankshamataa

विवाह में वहनक्षमता 

प्रकृष्ट रूप में वहन करने को ही 
विवाह कहा जाता है ;
जो वहन करेगा 
(और यह वहन चाहे जितने रूप में हो सके)
यदि वह-- 
जिसे वहन करना है 
उससे सर्वप्रकार -- सर्वविषय में 
समर्थ न हो-- 
तो कैसे हो सकता है ?
जिन्हें तुम-- 
अपने को सर्वप्रकार 
वहन करने के लिये
प्रार्थना कर रही हो, 
वे तुम्हारी उस प्रार्थना की 
पूर्ति करने के 
उपयुक्त हैं या नहीं ; 
विवेचना करके 
अपने को दान करो,-- 
पतन, वेदना और आघात से उत्तीर्ण होगी   |76|  

--: श्रीश्रीठाकुर अनुकूलचन्द्र, नारी नीति  

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