शुक्रवार, नवंबर 18, 2011

Sevaa Mein Pooja Aur Sneh

सेवा में पूजा और स्नेह 

तुम श्रेष्ठ को धारण और पूजा करो,
        छोटे को स्नेह और उन्नत करो,
सभी की
        यथोपयुक्त भाव से
                                  सेवा करो.           |85|

--: श्रीश्रीठाकुर अनुकूलचन्द्र, नारी नीति 

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