स्वास्थ्य जिस प्रकार
मन को नियंत्रित कर सकता है,
मन भी उसी प्रकार
स्वास्थ्य को वश में ला सकता है;--
तुम्हारा मन
जितना
शुद्ध, सुस्थ और सबल रहेगा
तुम्हारा स्वास्थ्य भी बहुत अंशों में
उसका अनुसरण करेगा; --
और,
ऐसा स्वास्थ्य लाभ करने हेतु
नजर रखनी होगी
अपने पारिपार्श्विक की परिशुद्धता के प्रति;
अशुद्ध पारिपार्श्विक
स्वास्थ्य और मन को
जितना बिगाड़ सकता है,
ऐसी दूसरी कम ही चीज है--
नजर रखो। 55
--: श्री श्री ठाकुर, नारी नीति
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