जिस प्रकार
चुटकी काटने से,
घृणित वस्तु देखने से,
नापसंद व्यवहार पाने से
दिल में विक्षेप उपस्थित होता है--
उसी प्रकार
आहार्य वस्तु
शरीर पर
जिस प्रकार क्रिया करती है-
मन की अवस्था भी
वैसी हो जाती है;-
याद रखो--
आहार्य वस्तु से
मन का सम्बन्ध
इतना ही घनिष्ठ है--
हिसाब करके चलो। 54
--: श्री श्री ठाकुर, नारी नीति
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