सोमवार, अप्रैल 20, 2009

परिश्रम

जिस प्रकार आहार करने पर कोष्टशुद्धि का प्रयोजन है,-- उसी प्रकार ही पुष्टि पाने के लिए विधान (system) के त्यक्त-पदार्थ का निःसरण अति आवश्यक है; -- और, उसी उद्देश्य से उपयुक्त परिश्रम कम से कम जब तक पसीना न निकले-- स्वास्थ्य के हित में अमूल्य और अमृततुल्य है। 57
--: श्री श्री ठाकुर, नारी नीति

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